बुधवार, 24 अगस्त 2011

साज़ ....

हम अधिकतर ज़िन्दगी को इकतरफे तर्ज़ पर ले जाते हैं
जानते हुए कि इकतरफा साज़ अधूरा होता है .....!!!!

- रश्मि प्रभा

2 टिप्‍पणियां:

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...